Saturday, April 11, 2020

मूंग उत्पादन की उन्नत तकनीक

भारत में मूंग (Moong) ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौषम की कम समय में पकने वाली अक मुख्य दलहनी फसल है| मूंग (Moong) का उपयोग मुख्य रूप से आहार में किया जाता है, जिसमें 24 से 26 % प्रोटीन, 55 से 60 % कार्बोहाइड्रेट और 1.3% वसा होती है| दलहनी फसल होने के कारण इसके तने में नाइट्रोजन की गाठें पाई जाती है| जिसे इस फसल के खेत को 35 से 40 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है| ग्रीष्म मूंग की खेती चना, मटर, गेहूं, सरसों, आलू, जौ, अलसी आदि फसलों की कटाई के बाद खाली हुए खेतों में की जा सकती है|



पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान प्रमुख ग्रीष्म मूंग उत्पादक राज्य हैं| धान-गेहूं फसल चक्र वाले क्षेत्रों में जायद मूंग की खेती द्वारा मिटटी उर्वरता को उच्च स्तर पर बनाये रखा जा सकता है| लेकिन अच्छी तकनीकी न होने के कारण जितने क्षेत्र में इसकी फसल उगाई जाती है उसके अनुपात में पैदावार अच्छी नही मिलती है|


कृषक भाई उन्नत प्रजातियो एवं उत्पादन की उन्नत तकनीक को अपनाकर पैदावार को 8-10 क्विंटल प्रति हैक्टयर तक प्राप्त कर सकते है। इस लेख में मूंग की उन्नत खेती कैसे करें का उल्लेख किया गया है


जलवायु- मूंग की फसल हर प्रकार के मौसम में उगाई जा सकती है| उत्तर भारत में इसे ग्रीष्म और वर्षा ऋतु में उगाते हैं| दक्षिण भारत में इसे रबी में भी उगाते हैं| ऐसे क्षेत्र जहां 60 से 75 सेंटीमीटर वर्षा होती है, मूंग के लिए उपयुक्त होते हैं| फली बनते और पकते समय वर्षा होने से दाने सड़ जाते हैं एवं काफी हानि होती है| उत्तरी भारत में मूंग को वसंत ऋतु (जायद) में भी उगाते हैं| अच्छे अंकुरण और समुचित बढ़वार हेतु क्रमशः 25 डिग्री तथा 20 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है|


भूमि- दोमट भूमि सबसे अधिक उपयुक्त होती है| इसकी खेती मटियार एवं बलुई दोमट में भी की जा सकती है, जिनका पी एच 7.0 से 7.5 हो, इसके लिए उत्तम हैं| खेत में जल निकास उत्तम होना चाहिये|


खेत की तैयारी- खरीफ की फसल के लिए एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करना चाहिए और वर्षा प्रारंभ होते ही 2 से 3 बार देशी हल या कल्टीवेटर से जुताई कर खरपतवार रहित करने के उपरान्त खेत में पाटा चलाकर समतल करें| दीमक से बचाव के लिये क्लोरोपायरीफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 20 से 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत की तैयारी के समय मिट्टी में मिलाना चाहिये| ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिये रबी फसलों के कटने के तुरन्त बाद खेत की तुरन्त जुताई कर 4 से 5 दिन छोड़ कर पलेवा करना चाहिए| पलेवा के बाद 2 से 3 जुताइयाँ देशी हल या कल्टीवेटर से कर पाटा लगाकर खेत को समतल और भुरभुरा बनावे| इससे उसमें नमी संरक्षित हो जाती है तथा बीजों से अच्छा अंकुरण मिलता हैं|


बुआई समय- 1. खरीफ मूंग की बुआई का उपयुक्त समय जून के द्वितीय पखवाड़े से जुलाई के प्रथम पखवाड़े के मध्य है| 2. बसंत कालीन मूंग को मार्च के प्रथम पखवाड़े में और ग्रीष्मकालीन मूंग को 15 मार्च से 15 अप्रैल तक बोनी कर देना चाहिये| बोनी में विलम्ब होने पर फूल आते समय तापक्रम वृद्धि के कारण फलियाँ कम बनती हैं या बनती ही नहीं है, इससे इसकी पैदावार प्रभावित होती है|


उन्नत किस्में  - ( किसान भाई अपने एरिया के अनुसार चलित बीज का भी उपयोग कर सकते है  )


टाइप 44- इस मूंग की किस्म का पौधा बौना होता है| तना अर्धविस्तारी तथा पत्तियां गहरे हरे रंग की होती हैं| फूल पीले, बीज गहरे हरे रंग के एवं मध्यम आकार के होते हैं| फसल पकने में 60 से 70 दिन का समय लेती है| यह सभी मौसमों में उगाई जा सकती है|


मूंग एस 8- पौधा मध्यम ऊंचाई का तथा सीधे बढ़ने वाला होता है| तना विस्तारी, फूल हल्के पीले रंग के, फलियां 6 से 8 सेंटीमीटर लम्बी, चिकनी व काली होती हैं| एक फली में 10 से 12 तक हरे चमकदार बीज, फसल तैयार होने में 75 से 80 दिन लेती है| इसमें पीले मोजैक रोग का प्रकोप कम होता है| यह खरीफ ऋतु में उगाई जा सकती है|


पूसा विशाल- उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र हेतु बसंत और ग्रीष्म मौसम में बुवाई के लिए उपयुक्त, यह विषाणु जनित पीली चित्ती रोग की प्रतिरोधी, एक साथ पकने वाली है जो बसंत के मौसम में 65 से 70 दिनों में और ग्रीष्म में 60 से 65 दिनों में पककर तैयार हो जाती है| पैदावार 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|


पूसा रतना- मुंग की यह किस्म उत्तर क्षेत्र में खरीफ मौसम में बुवाई के लिए उपयुक्त, एक साथ पकने वाली, 65 से 70 दिनों में पककर तैयार, विषाणु जनित पीली चित्ती रोग की सहिष्णु है| पैदावार 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|


पूसा 0672- यह किस्म उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, खरीफ मौसम में बुवाई के लिए उपयुक्त, मूंग के विषाणु जनित पीली चित्ती रोग व अन्य रोगों की सहिष्णु, दाना चमकदार हरा, आकर्षक और मध्यम आकार का होता है| पैदावार 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|


पूसा 9531- उत्तर पश्चिम क्षेत्र में खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त यह, 60 से 65 दिनों में पककर तैयार, विषाणु जनित पीली चित्ती रोग एवं कीटों की सहिष्णु, औसत पैदावार 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|


मूग जवाहर 45- इसका पौधा लम्बा व सीधा, पत्तियां हरी, फूल पीले, बीज चमकदार व हरे रंग के, पकने का समय 80 दिन, खरीफ के लिए उपयुक्त है|


पी एस 16- पत्तियां पीलापन लिए हुए हरे रंग की, फूल पीले, बीज चमकदार हरे रंग के, तैयार होने से 60 से 70 दिन का समय लगता है| यह खरीफ और ग्रीष्म, दोनों ऋतुओं के लिए उपयुक्त है|


पी एस 10 (कांति)- इसका पौधा भी सीधा, फूल पीले बड़े आकार के धुंधले, फसल 75 दिन में तैयार होती है| इस किस्म कीं फलियां एक साथ पकती हैं और खरीफ के लिए उपयुक्त है|


मूंग पूसा बैसाखी- यह किस्म टाइप 44 के चयन से निकाली गई है| पौधा बौना झाड़ीनुमा, पत्तियां हरी, तने में हल्के गुलाबी रंग के धब्बे, फूल भूरा रंग लिए हुए क्रीमी रंग के, बीज हरे रंग के मध्यम आकार के, फसल 60 से 70 दिन में तैयार हो जाती है| सभी फलियां लगभग एक साथ पकती हैं और यह ग्रीष्म ऋतु के लिए अधिक उपयुक्त है|


पंत मूंग 1- इसका पौधा सीधा बढ़ने वाला गहरे हरे रंग का, बीज हरे रंग के मध्यम आकार के, पीला मोजैक विषाणु और सर्कोस्पोरा पर्ण चित्ती रोग के लिए काफी हद तक प्रतिरोधी, खरीफ में 70 से 75 एवं जायद में 65 से 70 दिन लेती है|


पंत मुंग 2- इसका पौधा मध्यम ऊंचाई का, पकने के लिए 60 से 65 दिनों की आवश्यकता, खरीफ में उगाना उपयुक्त, यह 65 से 70 दिन लेती है| यह पीला मोजैक विषाणु रोग के लिए मध्यम प्रतिरोधी है|


पंत मूंग 3- इसके पौधे सीधे बढ़ने वाले, खरीफ में उगाने से अधिक लाभ मिलता है| बीज चमकीले एवं मध्यम आकार के, 65 से 70 दिन में पकती है| यह बहुरोग प्रतिरोधी प्रजाति है|


पंत मूंग 4- इसका पौधा मध्यम ऊंचाई का, मूंग और उड़द दोनों के संयोग से विकसित की गई है| बीज चमकीले हरे और मध्यम आकार के, बहुरोग प्रतिरोधी, पकने की अवधि 65 से 70 दिन है| यह उत्तर-पूर्वी भारत के मैदानी क्षेत्रों में खरीफ मौसम के लिए अनुमोदित की गई है|


पंत मूंग 5- यह जायद मौसम के लिए उपयुक्त है| इसके दाने चमकीले और बड़े आकार, 1000 दानों का भार 50 से 55 ग्राम, फलियां गुच्छों में लगती हैं| यह उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए अनुमोदित, औसत उपज 15 से 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है| 


 बीज की मात्रा- खरीफ में कतार विधि से बुआई हेतु मूंग 15 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है| बसंत या ग्रीष्मकालीन बुआई हेतु 25 से 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की आवश्यकता पड़ती है| गन्ने के साथ सहफसली खेती के लिए मूंग की बीज दर 8 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखनी चाहिए| मिश्रित फसल में मूंग की बीज दर 8 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखते है|


बीजोपचार


जैविक- बुवाई से पूर्व मृदाजनित रोगों से बचाव के लिए मूंग एवं उड़द के बीज को ट्राइकोडरमा 5.0 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित करें, इसके पश्चात् बीज को राइजोबियम और फॉस्फोरस घोलक जीवाणु (पी एस बी) प्रत्येक का 5 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित करके ही बुवाई करें|


रासायनिक- मिटटी और बीज जनित रोगों से बीजों के बचाव के लिए थायरम 2 ग्राम + कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम या कार्बेन्डाजिम केप्टान (1:2) 3 ग्राम दवा या कार्बेन्डाजिम 2.5 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित कर लें| इसके बाद बीज को इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्लू एस से 7 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें|


बुवाई विधि- सीड ड्रिल या देशी हल के पीछे नाई या चोंगा बॉधकर केवल पंक्तियों में ही बुवाई करना चाहिए| खरीफ फसल के लिए कतार से कतार की दूरी30- 45 सेंटीमीटर और बसंत (ग्रीष्म) के लिये 25-30 सेंटीमीटर रखी जाती है| पौधे से पौधे की दूरी 10-15 सेंटीमीटर रखते हुये 4 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिये|


अन्तरवर्तीय खेती- मूंग कम अवधि में तैयार होने वाली दलहनी फसल हैं जिसे फसल चक्र में सम्मलित करना लाभदायक रहता है। मक्का-आलू-गेहूँ -मूंग(बसंत),ज्वार+ मूंग -गेहूँ , अरहर + मूंग -गेहूँ , मक्का +मूंग -गेहूँ , मूंग -गेहूँ । अरहर की दो कतारों के बीच मूंग की दो कतारे अन्तः फसल के रूप में बोना चाहिये। गन्ने के साथ भी इनकी अन्तरवर्तीय खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है|


खाद और उर्वरक- मूंग के लिए 15 से 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 से 40 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलोग्राम जिंक प्रति हेक्टेयर देना चाहिए| आलू व चने के बाद उर्वरक की आवश्यकता कम पड़ती है| नाइट्रोजन और फास्फोरस की पूर्ति के लिए 100 किलोग्राम डी ए पी प्रति हेक्टेयर का प्रयोग कर सकते है| उर्वरकों का प्रयोग फर्टीसीड ड्रिल या हल के पीछे चागा बॉधकर कूड़ों में बीज से 2 से 3 सेंटीमीटर नीचे देना चाहिए|


गौण और सूक्ष्म पोषक तत्व

गंधक (सल्फर)- काली और दोमट मिटटी में 20 किलोग्राम गंधक या 22 किलोग्राम बेन्टोनाइट सल्फर प्रति हैक्टर की दर से बुवाई के समय प्रत्येक फसल के लिये देना पर्याप्त होता है| कमी होने पर लाल बलई मिटटी हेतु 40 किलोग्राम गंधक या 44 किलोग्राम बेन्टोनाइट सल्फर प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग करना चाहिए|


जिंक- जिंक की मात्रा का निर्धारण मिटटी के प्रकार और उसकी उपल्बधता के आधार पर की जानी चाहिए, जैसे-



  • लाल बलई दोमट मिटटी-5 किलोग्राम, जिंक (12.5 किलोग्राम, जिंक सल्फेट हेप्टा हाइडेट या 7.5 किलोग्राम, जिंक सल्फेट मोनो हाइड्रेट) प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग करना चाहिए|

  • काली मिटटी-5 से 2.0 किलोग्राम, जिंक (7.5 से 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट) प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग करनी चाहिए|

  • जलोढ़ और मध्यम मिटटी-5 किलोग्राम जिंक (12.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट हेप्टा हाइड्रेट या 7.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट मोनो हाइड्रेट) के साथ 200 किलोग्राम गोबर की खाद का प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग करना चाहिए|

  • उच्च कार्बनिक पदार्थ वाली तराई क्षेत्रों की मिटटी-बुवाई के पूर्व 3 किलोग्राम जिंक (15 किलोग्राम जिंक सल्फेट हेप्टा हाइड्रेट या 9 किलोग्राम जिंक सल्फेट मोनो हाइड्रेट) प्रति हेक्टर की दर से तीन वर्ष के अन्तराल पर देवें|

  • कम कार्बनिक पदार्थ वाली पहाड़ी बलुई दोमट मिटटी-5 किलोग्राम जिंक (12.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट हेप्टा हाइड्रेट या 7.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट मोनो हाइड्रेट) प्रति हैक्टर की दर से एक वर्ष के अन्तराल में प्रयोग करें|


बोरॉन- बोरॉन की कमी वाली मिटटी में उगाई जाने वाली मूंग की फसल में 0.5 किलोग्राम बोरॉन (5 किलोग्राम बोरेक्स या 3.6 किलोग्राम डाइसोडियम टेट्राबोरेट पेन्टाहाइड्रेट) प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग करें|


मैंगनीज- मैंगनीज की कमी वाली बलुई दोमट मिटटी में 2 प्रतिशत मैंगनीज सल्फेट के घोल का बीज उपचार या मैंगनीज सल्फेट के 1 प्रतिशत घोल का पर्णीय छिड़काव लाभदायक पाया गया है|


मॉलिब्डेनम- मॉलिब्डेनम की कमी वाली मिटटी में 0.5 किलोग्राम सोडियम मॉलिब्डेट प्रति हैक्टर की दर से आधार उर्वरक के रूप में या 0.1 प्रतिशत सोडियम मॉलिब्डेट के घोल का दो बार पर्णीय छिड़काव करना चाहिए या मॉलिब्डेनम के घोल में बीज शोषित करें| ध्यान रहे- कि अमोनियम मॉलिब्डेनम का प्रयोग तभी किया जाना चाहिए जब मिटटी में मॉलिब्डेनम तत्व की कमी हो|


सिंचाई प्रबंधन- प्रायः वर्षा ऋतु में मूंग की फसल को सिंचाई की आवश्यकता नहीं पडती है फिर भी इस मौसम में एक वर्षा के बाद दूसरी वर्षा होने के बीच लम्बा अन्तराल होने पर अथवा नमी की कमी होने पर फलियाँ बनते समय एक हल्की सिंचाई आवश्यक होती है। बसंत एवं ग्रीष्म ऋतु में 10-15 दिन के अन्तराल पर सिंचाई की आवश्यकता होती है। फसल पकने के 15 दिन पूर्व सिंचाई बंद कर देना चाहिये। वर्षा के मौसम में अधिक वर्षा होने पर अथवा खेत में पानी का भराव होने पर फालतू पानी को खेत से निकालते रहना चाहिये, जिससे मृदा में वायु संचार बना रहता है।


खरपतवार नियंत्रण- 


बुआई के 25 से 30 दिन तक खरपतवार फसल को अत्यधिक नुकसान पहुंचाते हैं| यदि खेत में खरपतवार अधिक हैं, तो बोवाई के 20 से 25 दिन के बाद निराई कर देना चाहिए| दूसरी निंराई बुआई के 35-45 दिन के बाद करनी चाहिए| जिन खेतों में खरपतवार गम्भीर समस्या हों वहाँ खरपतवार नाशक रसायन का छिड़काव करने से खरपतवारों का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है| इसके लिए पेन्डीमिथालीन 30 ई सी, 750 से 1000 ग्राम मात्रा (सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर) बुवाई के 0 से 3 दिन तक प्रयोग करें| खरपतवार नाशक दवाओं के छिडकाव के लिये हमेशा फ्लैट फेन नोजल का ही उपयोग करे|


कीट रोकथाम-


दीमक- दीमक फसल के पौधों की जड़ो को खाकर नुकसान पहुंचती हैl बुवाई से पहले अंतिम जुताई के समय खेत में क्यूनालफोस 1.5 प्रतिशत या क्लोरोपैरिफॉस पॉउडर की 20-25 किलो ग्राम मात्रा प्रति हेक्टयर की दर से मिटटी में मिला देनी चाहिए  बोनेके समय बीज को क्लोरोपैरिफॉस कीटनाशक की 2 मि.ली. मात्रा को प्रति किलो ग्राम बीज दर से उपचरित कर बोना चाहिए I

कातरा- कातरा का प्रकोप बिशेष रूप से दलहनी फसलों में बहुत होता है l इस किट की लट पौधों को आरम्भिक अवस्था में काटकर बहुत नुकसान पहुंचती है l इसके  नियंत्रण हेतु खेत के आस पास कचरा नहीं होना चाहिये l कतरे की लटों पर क्यूनालफोस1 .5 प्रतिशत पॉउडर की 20-25 किलो ग्राम मात्रा प्रति हैक्टेयर की दर से भुरकाव कर देना चाहिये I


थ्रिप्स या रसचूसक कीट- रसचूसक कीट या थ्रिप्स मूंग के पौधों का रस चूसते है| जिससे पौधे पीले, कमज़ोर और विकृत हो जाते है, जिससे पैदावार कम होती है|


थ्रिप्स या रसचूसक कीट रोकथाम- थायोमेथोक्जम 25 डब्ल्यू जी 2 मिलीलीटर प्रति लीटर, पानी में घोल बनाकर छिडकाव करने से थ्रिप्स का अच्छा नियंत्रण होता है| इथियोन 50 ई सी, 2 मिलीलीटर प्रति लीटर का छिडकाव आवश्यकतानुसार करना चाहिए|

माहू और सफेद मक्खी- माहू कीट के शिशु और प्रौढ़ मूंग के पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलो तथा नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर कर देते है| सफेद मक्खी बहुभक्षी कीट है, जो फसल में शुरू से पकने तक नुकसान करता है|


माहू और सफेद मक्खी रोकथाम- डायमिथोएट 1000 मिलीलीटर प्रति 600 लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस एल, प्रति 600 लीटर पानी में 125 मिलीलीटर दवा के हिसाब से प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना लाभप्रद रहता है|


फली छेदक- फली छेदक को नियंत्रित  करने के लिए मोनोक्रोटोफास आधा लीटर या मैलाथियोन या क्युनालफ़ांस 1.5 प्रतिशत पॉउडर की 20-25 किलो हेक्टयर की दर से छिड़काव /भुरकाव करनी चहिये। आवश्यकता होने पर 15 दिन के अंदर दोबारा छिड़काव /भुरकाव  किया जा सकता है।


तना झुलसा रोग-इस रोग की रोकथाम हेतु 2 ग्राम मैकोजेब से प्रति किलो बीज दर से उपचारित करके बुवाई करनी चहिये बुवाई के 30-35 दिन बाद 2 किलो मैकोजेब प्रति हेक्टयर की दर से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चहिये ।


पीला चितकबरा रोग- पीली कुर्बरता के रूप में यह रोग मूंग की रोग ग्राही किस्मों में अधिक व्यापक होता है| नई उगती हुई पत्तियों में प्रारंभ से ही कुर्बरता के लक्षण दिखाई देते हैं| जिन पत्तियों में पीली कुर्बरता या पीली ऊतकक्षय कर्बरता के मिले-जुले लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे पौधे आकार में छोटे रह जाते हैं|


पीला चितकबरा रोग रोकथाम


  1. श्वेत मक्खी इस रोग का वाहक है| इससे रोकथाम करने के लिए श्वेत मक्खी के नियंत्रण हेतु थायोमेथाक्साम 25 डब्लू जी, 2 ग्राम प्रति लीटर या डायमिथिएट 30 ई सी, 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर 2 से 3 बार 15 दिन के अन्तराल पर आवश्यकतानुसार छिड़काव करें|


कटाई और मड़ाई- मूंग की फसल क्रमशः 65-70दिन में पक जाती है। अर्थात जुलाई में बोई गई फसल सितम्बर तथा अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक कट जाती है। फरवरी-मार्च में बोई गई फसल मई में तैयार हो जाती है। फलियाँ पक कर हल्के भूरे रंग की अथवा काली होने पर कटाई योग्य हो जाती है। पौधें में फलियाँ असमान रूप से पकती हैं यदि पौधे की सभी फलियों के पकने की प्रतीक्षा की जाये तो ज्यादा पकी हुई फलियाँ चटकने लगती है अतः फलियों की तुड़ाई हरे रंग से काला रंग होते ही 2-3 बार में करें एंव बाद में फसल को पौधें के साथ काट लें। अपरिपक्वास्था में फलियों की कटाई करने से दानों की उपज एवं गुणवत्ता दोनो खराब हो जाते हैं। हॅंसिए से काटकर खेत में एक दिन सुखाने के उपरान्त खलियान में लाकर सुखाते है। सुखाने के उपरान्त डडें से पीट कर या बैंलो को चलाकर दाना अलग कर लेते है वर्तमान में मूंग एवं उड़द की थ्रेसिंग हेतु थ्रेसर का उपयोग कर गहाई कार्य किया जा सकता है।


पैदावार- मुंग की खेती उन्नत तरीके से करने पर फसल से 10 से 12  क्विंटल प्रति हेक्टेयर औसत पैदावार प्राप्त की जा सकती है| मिश्रित फसल में 3 से 6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है|


भण्डारण- भण्डारण करने से पूर्व दानों को अच्छी तरह धूप में सुखाने के उपरान्त ही जब उसमें नमी की मात्रा 8 से 10 प्रतिशत रहे तभी वह भण्डारण के योग्य रहती है|


मूंग का अधिक उत्पादन लेने के लिए क्या करें



  1. स्वस्थ और प्रमाणित बीज का उपयोग करें|

  2. सही समय पर बुवाई करें, देर से बुवाई करने पर पैदावार कम हो जाती है|

  3. किस्मों का चयन क्षेत्रीय अनुकूलता के अनुसार करें|

  4. बीज उपचार अवश्य करें जिससे पौधो को बीज और मिटटी जनित बीमारियों से प्रारंभिक अवस्था में प्रभावित होने से बचाया जा सके|

  5. मिट्टी परीक्षण के आधार पर संतुलित उर्वरक उपयोग करे जिससे भूमि की उर्वराशक्ति बनी रहती है, जो अधिक उत्पादन के लिए जरूरी है|

  6. खरीफ मौसम में मेड नाली पद्धति से बुबाई करें|

  7. समय पर खरपतवारों नियंत्रण और कीट और रोग रोकथाम करें|

  8. पीला मोजेक रोग रोधी किस्मों का चुनाव क्षेत्र की अनुकूलता के अनुसार करे|

  9. पौध संरक्षण के लिये एकीकृत पौध संरक्षण के उपायों को अपनाना चाहिए|


Source By - किसान कल्याण तथा कृषि विकास mpkrishi , दैनिक जग्रति 


 


COVID-19 Report coronavirus cases till 11April2020

Confirmed Cases and Deaths by Country, Territory, or Conveyance


































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































         
        
Sr. No. CountryTotal CasesNew CasesTotal DeathNew DeathRecoveredActive casesSerious Critical Total Test
0World1,779,74380,908108,7796,095402,6591,268,30550,594 
1USA532,87930,00320,5771,83030,453481,84911,4712,670,674
2Spain163,0274,75416,60652559,10987,3127,371355,000
3Italy152,2714,69419,46861932,534100,2693,381963,473
4France129,6544,78513,83263526,39189,4316,883333,807
5Germany125,4523,2812,87113557,40065,1814,8951,317,887
6China81,953463,339377,5251,089141 
7UK78,9915,2339,87591734468,7721,559334,974
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9Turkey52,1675,1381,101952,96548,1011,626340,380
10Belgium28,0181,3513,3463275,98618,6861,262102,151
11Switzerland25,1075561,0363412,10011,971386190,000
12Netherlands24,4131,3162,64313225021,5201,384101,534
13Canada23,3181,170653846,42816,237557401,552
14Brazil20,9621,1731,1407217319,64929662,985
15Portugal15,9875154703526615,251233162,798
16Austria13,806246337186,6046,865246140,975
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18Israel10,74333510161,3419,301175117,339
19S. Korea10,4803021137,2433,02655510,479
20Sweden10,151466887173818,88378954,700
21Ireland8,92883932033258,58319453,000
22India8,446846288399697,189 189,111
23Ecuador7,25796315184116,53118421,568
24Chile6,9274267381,8644,99038376,374
25Peru6,848951181121,7394,92814267,712
26Japan6,74874310897625,87811768,771
27Norway6,409951196326,25867124,279
28Poland6,356401208273755,773160129,560
29Australia6,303655623,2652,98280351,380
30Denmark5,996177260131,9553,78110667,771
31Romania5,990523291217584,94120859,272
32Czechia5,902170129104115,36292120,285
33Pakistan5,01131686207624,1635057,836
34Malaysia4,5301847331,9952,4627271,897
35Philippines4,428233247261574,024124,500
36Saudi Arabia4,0333825257203,26167115,585
37Mexico3,844403233396332,9788931,492
38Indonesia3,842330327212863,229 19,452
39UAE3,7363762045883,1281648,195
40Serbia3,3802757431183,18814516,399
41Luxembourg3,270476285002,7083028,965
42Panama3,234260795233,13210414,588
43Finland2,9051364913002,5568044,354
44Dominican Republic2,75913913591082,5161478,469
45Qatar2,7282166 2472,4753747,751
46Colombia2,709236100202142,3959240,603
47Thailand2,518453521,1351,3486171,860
48Ukraine2,511308734792,3594526,577
49Singapore2,299191815281,7633172,680
50Belarus2,2262452341722,0317253,000
51Argentina2,1421678974401,61311518,027
52Greece2,081709312691,7197537,344
53South Africa2,028252514101,593775,053
54Egypt1,939145146114261,367 25,000
55Algeria1,82564275194601,090603,359
56Iceland1,68914818418401134,635
57Moldova1,560122301751,455806,271
58Morocco1,5459711141461,28817,734
59Croatia1,5343921 3231,1903215,691
60Iraq1,31839722601645 33,889
61New Zealand1,3122942422886558,746
62Hungary1,3101208581151,1101731,961
63Estonia1,3044624 931,1871129,456
64Slovenia1,188285051489903734,279
65Kuwait1,1541611 1331,02027 
66Azerbaijan1,058671112008472761,342
67Bahrain1,0401156 555479360,425
68Lithuania1,02627231549491438,472
69Hong Kong1,001114 3366611496,709
70Armenia96730131173781306,484
71Bosnia and Herzegovina9464537113977046,911
72Kazakhstan8655310 817742161,955
73Cameroon820 12 98710  
74Uzbekistan7671434142721870,000
75North Macedonia7604934241685157,653
76Slovakia728132 23703525,846
77Diamond Princess712 11 6198210 
78Tunisia68514283436148510,676
79Bulgaria66126283625713218,502
80Latvia630183 16611227,796
81Cuba62056161775271113,162
82Lebanon6191020 775223414,055
83Cyprus6162110 61545817,119
84Andorra601 26 71504171,673
85Costa Rica577193 49525136,608
86Afghanistan5553418332505  
87Oman546623 1094343 
88Ivory Coast533534158471  
89Uruguay494217 214273167,496
90Niger4915311 41439 4,298
91Burkina Faso48436271155302  
92Bangladesh482583033641618,313
93Albania4331723 19721373,644
94Ghana40830824396237,405
95Channel Islands40799 48350 3,320
96Honduras392102417361101,600
97Réunion3886  403483 
98Taiwan38536 99280 45,436
99Jordan38197 177197520,500
100Malta370203116351416,016
101San Marino356123515326814846
102Kyrgyzstan339415 4429059,618
103Mauritius31919 2828236,730
104Nigeria318131037023825,000
105Senegal278132 1521241 
106Bolivia2757201225332,185
107Palestine26812 57209 16,992
108Montenegro26362 525672,869
109Vietnam2581  1441148118,807
110Guinea25038  17233  
111Georgia24283 6017963,271
112Isle of Man2262521112112111,934
113DRC223 20 16187  
114Sri Lanka19887 5413714,525
115Mayotte1965315913431,350
116Kenya19127 2416026,192
117Djibouti187372136149 4,017
118Faeroe Islands184   14539 5,408
119Venezuela175 9 93736181,335
120Martinique155 6 509919 
121Guadeloupe143 8 676813 
122Guatemala137113 1911531,134
123Brunei136 1 1043129,637
124Paraguay13346 1810912,262
125Gibraltar1292  844511,558
126Cambodia1201  754515,768
127Rwanda1202  18102 806
128El Salvador11816 19934 
129Trinidad and Tobago11238 1292 1,102
130Madagascar1029  11911 
131Monaco9221 5864 
132Aruba926  2963 1,118
133Mali87 7 2258  
134French Guiana863  51351 
135Liechtenstein79 1 5523 900
136Togo76 3 2548 2,069
137Jamaica6964 1352 907
138Ethiopia6943 1056 3,577
139Barbados6814 11534747
140Congo60 5 550  
141Cayman Islands5381 6463536
142Uganda53   449 4,856
143French Polynesia51    51 744
144Sint Maarten50 915362134
145Liberia48115 340  
146Bermuda48 4 25192354
147Bahamas4648 5331 
148Gabon4621 144  
149Guyana4586 8313193
150Macao45   10351 
151Zambia40 2 281011,239
152Myanmar38113 233 1,406
153Guinea-Bissau382   38 1,500
154Benin35 1 529  
155Eritrea34    34  
156Haiti3322  31 365
157Tanzania32 3 524  
158Saint Martin32 2 11195 
159Syria2562 518  
160Libya2511 816 507
161Antigua and Barbuda21 2  19140
162Somalia21 1 119  
163Mozambique20   218 551
164Angola19 2 413  
165Sudan1922 215  
166Maldives19   136  
167Equatorial Guinea18   315 854
168Laos182   18 1,094
169New Caledonia18   117 2,608
170Dominica16   511 309
171Fiji16    16  
172Mongolia16   412  
173Namibia16   313 362
174Saint Lucia15   114  
175Zimbabwe1413  11 547
176Curaçao14 1 76  
177Grenada14    14292
178Belize1332  111364
179Botswana13 1  12 2,527
180Malawi12321 101231
181Saint Kitts and Nevis12    12 205
182St. Vincent Grenadines12   111 56
183Eswatini12   75  
184Chad11   29  
185Greenland11   110 770
186Seychelles11    11  
187Suriname10 1 45  
188Sierra Leone102   10  
189MS Zaandam9 2  7  
190Gambia951 26 281
191Nicaragua921  8  
192Turks and Caicos911  8 62
193Nepal9   18 4,426
194Montserrat9    9136
195Cabo Verde811 16  
196CAR8    8  
197Vatican City8   26  
198Mauritania7 1 24 380
199St. Barth6   15  
200Western Sahara62   6  
201Bhutan5   23 1,166
202Burundi52   5  
203Falkland Islands5   14 137
204Sao Tome and Principe4    4 19
205South Sudan4    4  
206Anguilla3    3  
207British Virgin Islands3   21  
208Caribbean Netherlands2    2 10
209Papua New Guinea2    2 72
210Timor-Leste2   11  
211Saint Pierre Miquelon1    1  
212Yemen1    1  

मूंग उत्पादन की उन्नत तकनीक

भारत में मूंग (Moong) ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौषम की कम समय में पकने वाली अक मुख्य दलहनी फसल है| मूंग (Moong) का उपयोग मुख्य रूप से आहार में ...