जीवामृत कल्चर (भूमि सुधारक)
•सामग्री : 180 ली. पानी. 10 किलो ताजा गोबर. 10 लीटर गौमूत्र, 2 किलो गुड़, 2 किलो बेसन, 10 लीटर कल्चर मिश्रण
• विधि : सभी को मिलाकर 6 दिनों तक रखना है। 20 लीटर प्रति बीघा के मान से उपयोग करें।
• उपयोग : ड्रिप में छानकर देवें। सिंचाई के साथ देवें। गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट में मिलाकर उपयोग करें।
• नोट : 200 लीटर ड्रम में से 180 लीटर उपयोग करें। बचे हुए 20 लीटर मिश्रण में पुनः सामग्री मिलाएँ। ऐसा कम से कम तीन बार अवश्य करें 15 दिनों के अंतराल पर।
जैविक कीट नियंत्रक
• सामग्री : 100 लीटर गौमूत्र, 5 किलो नीम पत्ते, 5 किलो करंज पत्ते, 5 किलो आकड़ा पत्ते, 5 किलो नशेडी पत्ते (बेशरम), 5 किलो लहसुन, 5 किलो हरी मिर्च।
• विधि : इस पूरी सामग्री को 30 दिनों तक मिलाकर रखना है।
• उपयोग : 1 लीटर/पम्प उपयोग करें। • नोट : 200 लीटर के ड्रम में 100 लीटर गौमूत्र लेवें।
जैविक फफूंदनाशक
• विधि : ताम्बे के बर्तन में 15 दिनों तक छाछ भरकर रखना है। छाछ का रंग हरा नीला हो जाएगा।
• उपयोग : 500 मिली से 1 लीटर/पम्प उपयोग करें।
पंचगव्य
•सामग्री : देशी गाय का ताजा गोबर 7 किलो+देशी गाय का घी 1 किलो
• विधि : दोनों को मिलाकर तीन दिनों तक रखना है। सुबह एवं शाम को मिश्रण को हिलाना है।
• अब तीन दिनों के बाद पहले मिश्रण में देशी गाय का गौमूत्र 10 लीटर एवं पानी 10 लीटर मिलाकर 15 दिनों तक रखना है। सुबह एवं शाम को मिश्रण हिलाना है।
• 15 दिनों के बाद : देशी गाय का दध 3 2 लीटर, नारियल पानी 3 लीटर, गुड़ 3 किलोअब पूरे मिश्रण को 15 दिनों तक रखना है
• उपयोग : फोलियर स्प्रे : 30 मिली/लीटर • मिट्टी में : पूरे पंचगव्य मिश्रण को 50 लीटर हैक्टेयर क्षेत्र में दिया जाता है।