Wednesday, September 25, 2019

एलोवेरा के औषधीय गुण

एलोवेरा के औषधीय गुण


एलोवेरा एक पौधे के रूप में उगाया जाता है. यह एक ऐसा पौधा है जिसका उपयोग प्राचीन समय से चलता आ रहा है. एलोवेरा के औषधीय गुण इतने अधिक हैं कि यदि कोई व्यक्ति नित्य नियम से एलोवेरा का उपयोग करे तो वह स्वस्थ रूप से अपना जीवन व्यतीत कर सकता है, पहले समय में एलोवेरा का प्रयोग औषधीय रूप में किया जाता था. और आज के समय में बहुत सी दवाइयों और औषधीय में इसका प्रयोग किया जाता है. एलोवेरा में कुछ ऐसे एसिड, विटामिन्स और खनिज प्रदार्थ होते हैं जो हमारे शरीर से कई बीमारियों को दूर करने में सक्षम होते हैं, एलोवेरा का इस्तेमाल भारत ही नहीं बल्कि बहुत से देशो में औषधीय रूप से किया जाता है. आज के समय में एलोवेरा का सबसे अधिक प्रयोग सौन्दर्य, जूस और दवाईयाँ बनाने के लिए किया जाता है. आज के समय में यह सबसे अधिक उपयोगी पौधा बन चूका है. एलोवेरा को हिंदी में ग्वारपाठा और संस्कृत में धृतकुमारी कहते हैं. यह पौधा रेतीली मिट्टी और नदी के किनारो में अधिक पाया जाता है l



एलोवेरा के लिए उपयोग


एलोवेरा के उपयोग की अगर बात की जाये तो ज्यादातर लोग एलोवेरा के पौधे के रस का सेवन करते हैं. एलोवेरा के रस से बहुत तरह की समस्याओं का समाधान किया जाता है. आएं आपको विस्तार में बताते हैं कि एलोवेरा किन-किन समस्याओं से हमे छुटकारा दिला सकता हैं l


पाचन क्रिया के लिए सहायक


अगर कोई गैस बनने या किसी भी तरह की पेट से सम्बंधित बीमारी से परेशान है तो आप हर दिन एलोवेरा का सेवन करें. आपको हर दिन 20 ग्राम एलोवेरा पाउडर को शहद में मिलाकर पीना है. इस उपाय को अगर आप नित्य करेंगे तो आपको कभी भी पेट से सम्बंधित कोई भी तकलीफ नहीं होगी l


त्वचा रोग के लिए सहायक


एलोवेरा त्वचा सम्बन्धी सभी रोगो का रामबाण इलाज है. एलोवेरा के लाभ इतने अधिक है जिनका व्याख्यान करना बहुत मुश्किल है. एलोवेरा मुहासे, झुरिया, दागधब्बे, निशान इन सभी परेशानियों को दूर करने में बहुत ही सहायक सिद्ध हुआ है. एलोवेरा का जैल त्वचा पे लगाने से त्वचा सम्बंधित सभी रोगों से जल्दी ही छुटकारा मिल सकता है. एलोवेरा का चेहरे पर उपयोग करने से चेहरे में चमक और ताज़गी आती है l


वजन कम करने में सहायक


एलोवेरा हमारे शरीर में पाचन शक्ति को बढ़ाता है. हमारे शरीर में वजन बढ़ने के कई कारण होते हैं, परन्तु एलोवेरा में कुछ ऐसी आवश्यक तत्व होते हैं जो हमारा वजन कम करने में बहुत सहायक होते हैं. एलोवेरा के फायदे इतने अधिक हैं कि यदि कोई इसका नित्य नियम से उपयोग करें तो वह अपनी बहुत सी परेशानियों से निजात पा सकता है l


बालों के लिए  सहायक


एलोवेरा बालों के लिए बहुत ही सहायक है. यदि किसी व्यक्ति के बाल तेज़ी से झड़ रहे हैं तो एलोवेरा उनके लिए वरदान साबित हो सकते है. बालों के लिए एलोवेरा का उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है. एलोवेरा में कुछ ऐसे एंजाइम होते हैं जो बालों को झड़ने से रोकने में सहायक होते हैं. ये न सिर्फ आपके बालों को झड़ने से रोकता है, बल्कि उन्हें मजबूत चमकदार और नए बालों को उगाने में भी सहायक होता है.


डायबिटीज के लिए  सहायक


एलोवेरा का प्रयोग डायबिटीज के मरीज़ों क लिए बहुत फायदेमंद हैं. डायबिटीज के मरीजों के लिए एलोवेरा एक औषधीय गुण हैं. एलोवेरा का जूस ब्लड शुगर लेवल को कम करता है जिससे डायबिटीज की समस्या कम होने लगती है. और लगतार इस जूस का प्रयोग करने से डायबिटीज की समस्या बिल्कुल ही खत्म हो जाती है l


एलोवेरा का प्रयोग


एलोवेरा बाज़ार में बड़ी ही आसानी से उचित कीमतों में उपलब्ध होता है. परन्तु बाज़ार में मिलने वाला एलोवेरा जैल और जूस को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कई प्रकार के प्रोसेस से होकर गुज़ारा जाता है जिससे एलोवेरा के कुछ औषधीय गुण कम हो जाते हैं. इसलिय यदि हम घर पर लगे हुए एलोवेरा का प्रयोग करें तो यह हमारे लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है. एलोवेरा का प्रयोग हम निम्न प्रकार से कर सकते हैं l


एलोवेरा जूस के रूप में


एलोवेरा का प्रयोग हम जूस के रूप में कर सकते हैं. एलोवेरा जूस बहुत की कड़वा होता है, परन्तु यह हमारे शरीर के लिए उतना ही लाभदायक भी होता है. यह जूस बाज़ार में आसानी से उपलब्द्ध होता है और हम इस जूस को घर पर भी आसानी से बना सकते हैं l



  • एलोवेरा जूस हम घर पर बड़ी ही आसानी से बना सकते हैं. एलोवेरा जूस बनाने के लिए आप एलोवेरा की पत्ती को चारों ओर से छील लें और उसके अंदर का जैली प्रदार्थ अलग इकट्ठा कर लें. बाकि के बचे हुए पदार्थ को फेंक दें. अब दो चमच जैली में एक कप पानी मिला कर जूसर में डाल कर जूस निकाल लें l


एलोवेरा जैल के रूप में


एलोवेरा का प्रयोग आप जैल के रूप में भी कर सकते हो. चेहरे पे दाग-धब्बे, झुरिया और त्वचा सम्बन्धी सभी परेशानियों का एलोवेरा जैल राम बाण इलाज है. यह जैल आसानी से बज़ार में उपलब्ध है, परन्तु यदि यह घर का प्रयोग किया जाए तो ज्यादा लाभकारी सिद्ध होगा l



  • एलोवेरा जैल बनाने की विधि एलोवेरा जूस बनाने से भी बहुत सरल है. एलोवेरा को छिल कर उसका जैली प्रदार्थ निकाल लें और उसके बाद उस जैली का अच्छी तरह से पेस्ट बना लें. पेस्ट बनने के बाद आप इसे अपने चेहरे पर इस्तमाल कर सकते हैं l


एलोवेरा के नुकसान



  • एलोवेरा जेल का इस्तेमाल त्वचा पर करने से त्वचा पर रैशेज , खुजली और रेडनेस हो सकती है. जिससे कईं स्किन से जुड़ी कईं तरह की समस्याएं उतपन्न हो सकती हैं l

  • जो लोग एलोवेरा का ज़्यादा यूज़ करते हैं वह लोग सावधान हो जाएं. एलोवेरा के अधिक सेवन से शरीर में पोटैशियम की कमी होने लगती है. पोटैशियम की कमी दिल की धड़कन को अनियमित कर देती है. धड़कन अनियमित होने के कारण दिन भर कमज़ोरी लगी रहती है. इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करें l

  • जो लोग एलोवेरा का ज़्यादा यूज़ करते हैं वह लोग सावधान हो जाएं. एलोवेरा के अधिक सेवन से शरीर में पोटैशियम की कमी होने लगती है. पोटैशियम की कमी दिल की धड़कन को अनियमित कर देती है. धड़कन अनियमित होने के कारण दिन भर कमज़ोरी लगी रहती है. इसलिए सीमित मात्रा में इसका सेवन करें l

  • कुछ लोग लंबी बीमारी से ग्रसित होते हैं और दवाओं के सेवन करते हैं. इसके बावजूद वह एलोवेरा को स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद समझकर इसका सेवन करते हैं. ऐसे लोगों को एलोवेरा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. दवाई और एलोवेरा का साथ में सेवन परेशानी को और बढ़ा सकता है. ऐसा करने से बचें l

  • प्रेग्नेंट लेडीज़ को भी एलोवेरा से दूरी बनाकर रखना चाहिए. गर्भावस्था में एलोवेरा का जूस पीने से गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए गर्भवती महिलायें इसका सेवन करने से बचें l

  • नियमित रूप से एलोवेरा जूस का सेवन करने से आपके शरीर मे ब्लड प्रेशर की समस्या बनी रह सकती है. दरअसल यह शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को लॉक कर देता है जिससे कई लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं. हालांकि जिन लोगों को हाई बीपी की परेशानी रहती है उन लोगों के लिए एलोवेरा जेल या एलोवेरा जूस रामबाण साबित होता है l

  • इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम(IBS) की शिकायत वाले लोगों को एलोवेरा जेल एवं जूस को अवॉयड करना चाहिए, दरअसल एलोवेरा में मौजूद लैक्सेटिव शरीर में आईबीएस की मात्रा को दुगुना कर देता है जो हमारे लिए घातक साबित हो सकता है l


 


 


 


 


 


Sunday, September 8, 2019

Nature Agrocare- Jo-Jo Plant Hormones

Plant hormones are signal molecules, produced within plants, that occur in extremely low concentrations. Plant hormones control all aspects of plant growth and development, from embryogenesis, the regulation of organ size, pathogen defense, stress tolerance and through to reproductive development



मूंग उत्पादन की उन्नत तकनीक

भारत में मूंग (Moong) ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौषम की कम समय में पकने वाली अक मुख्य दलहनी फसल है| मूंग (Moong) का उपयोग मुख्य रूप से आहार में ...