Sunday, August 25, 2019

Soil Testing- मिट्टी परीक्षण

मिट्टी परीक्षण Importance of Soil Testing in Organic Agriculture


मिट्टी परीक्षण के आधार पर फसलों की आवश्यकता अनुसार दीर्घ पोषक तत्व एवं सुक्ष्म पोषक तत्व देने से उत्पादन में वृद्धि होती है एवं भूमि की उर्वरक क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता। फसलों की रोग व कीट प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है तथा आवश्यकतानुसार उर्वरकों के उपयोग से रुपयों की बचत होती है।


ऐसे लें मिट्टी के नमूने नमूने लेने के लिए लगभग एक हैक्टेयर क्षेत्र से 15-20 स्थानों से नमूना एकत्र करें। खुरपी या फावड़े की सहायता से लगभग 15 सेमी गहरा V आकार का गड्ढा खोदें। किसी भी तरफ से पूरी गहराई तक की मिट्टी की एक समान परत काटकर साफ पात्र में एकत्र करेंl



एकत्र किये हुए समस्त नमूनों को मिलाकर छाया में सुखा लें। इसके बाद फोडकर बारीक करें। इसमें से कंकर-पत्थर कचरा आदि निकाल लें। बची हुई मिट्टी को हाथों से अच्छी तरह मिलाकर आधा-आधा करते चले जाएँ। अंत में जब 500 ग्राम मिट्टी शेष रह जाए तो मिट्टी को किसी कपड़े की थैली या पॉलीथीन में भरकर सूचना पत्रक डालकर प्रयोगशाला में भेज देवें।


सूचना पत्रक



  • किसान का नाम, पता व मोबाइल नंबर 

  • नमूना एकत्र करने की दिनांक 

  • खेत का खसरा नंबर, नाम या पहचान 

  • पिछली बोई गई फसल एवं प्रस्तावित फसल का नाम 

  • उपयोग किये गये खाद्य की जानकारी 


मिट्टी का नमूना लेते समय, ध्यान रखते योग्य बातें 



  • खाद के गड्डे, मेड़ व वृक्षों के नीचे से नमूने नहीं लें।

  • ऐसे क्षेत्र जहाँ अधिकतर समय पानी भरा रहता हो वहाँ से नम

  • स्वच्छ औजार का ही उपयोग

  • ऊपरी सतह की सफाई कर मिट्टी का नमूना निकालें।



मिट्टी परीक्षण में समस्त तत्वों की सूची



  1. जैविक कार्बन,

  2. नाइट्रोजन,

  3. फास्फोरस,

  4. पोटाश,

  5. विद्युत चालकता,

  6. पी.एच.,

  7. बोरान,

  8. आयरन,

  9. मैग्नीज,

  10. जिंक,

  11. सल्फर,

  12. लाईम,

  13. जिप्सम


 


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